स्कूल जाने की खुशी में रात भर जागता रहा-प्रमोद दीक्षित ‘मलय‘

बात 1988 की है। मेरी इंटरमीडिएट की परीक्षाएं समाप्त हो चुकी थीं और मैं बेसब्री से रिजल्ट की प्रतीक्षा कर रहा था। जून के मध्य में परिणाम आ गया। उस जमाने में आज के जैसी नेट की कोई सुविधा नहीं हुआ करती थी। परीक्षा परिणाम अखबारों के विशेष संस्करण में छपा करते थे। और दूसरे … Continue reading स्कूल जाने की खुशी में रात भर जागता रहा-प्रमोद दीक्षित ‘मलय‘